Ghum Hai KisiKey Pyaar Meiin - 24 March, 2022 Written Update (हिंदी में) | Gum Hai Kisi Ke Pyar Mein - 24th March, 2022 Written Update
आज के एपिसोड में आप देखेंगे, कि सई सभी घरवालों के सामने कहती हैं आपमें से कोई माने या फिर नहीं माने लेकिन सच तो ये हैं कि विराट सर मुझसे बहुत प्यार करते हैं. वही दूसरी तरफ विराट अपने रूम में कहता हा मैं सई से प्यार करता था. मै उसे एहसास दिलाना चाहता था की मेरे दिल में उसके सिवाय और कोई नहीं है. एक वक़्त था मैं उसके बिना रह नहीं पता था लेकिन आज जब वह मेरे सामने खड़ी होती है. एक तरफ मेरा दिल कहता है उसे गले लगा लूं लेकिन मैं जानता हूँ हमारा रिश्ता कभी सफल नहीं होगा. वह मेरे जज़्बातों को कभी समझेगे ही नहीं. फिर सई गणेश जी की मूर्ति के सामने आकर कहती है सही कहा ना मैंने.
सई गणेशजी के आगे दीपक जलाती हैं और कहती हैं बप्पा आपको क्या लगता हैं, मैं विराट सर को मना तो लुंगी ना, तभी बप्पा की तरफ से एक गेंदे का फूल सई के पास गिरता हैं तो सई कहती हैं थैंक यू मुझे पता चल गया की आपका आशीर्वाद मेरे साथ हैं.
आई विराट के पास जाती हैं और कहती है हैप्पी होली बेटा तू मुझसे नाराज़ हैं क्या, गले तो लगा ले, अच्छा सुन यहाँ अकेले ऐसे बैठा मत रहे, सब लोग तेरा निचे इंतज़ार कर रहे हैं, आज होली का दिन हैं ना चल ना, हमारे साथ निचे चल और हमारे रंगों में रंग जा बेटा, मैं जानती हु तू गुस्सा हैं, बट प्लीज मान जा बेटा, विराट कहता हैं अगर सब लोग चाहते हैं, मैं निचे आऊ और सबके साथ होली खेलु तो इसमें मैं क्या करू आई, और आपको तो यहाँ मुझे बुलाने आने ही नहीं चाहिए था बार बार आपके जिद् करने से मैं परेशान हो गया हूँ, मेरा तो मन करता हैं मैं इस घर को छोड़ के हमेशा के लिए चला जाऊ मुझे लगता हैं मेरा डिसिशन गलत हैं मुझे यहाँ पे वापस आना ही नहीं चाहिए था, आप लोग तो हाथ धो के पीछे पढ़ जाते है, आई कहती है बेटा ऐसी बाते मत कर अच्छा ठीक हैं, मैं तुझे नहीं बुलाती तुझे नहीं आना तो मत आ, मैं निचे जा रही हूँ, आई जैसे ही जाती है, विराट आई के सामने गुस्से से अपना दरवाजा बंद कर लेता है. आई रोने लगती हैं लेकिन विराट पे कोई असर नहीं पढता. विराट कुण्डी लगा के दरवाज़ा बंद कर लेता है.
इधर मानसी बुआ कहती है आप लोग शायद भूल रहे हैं पर आज सम्राट की पाखी के साथ पहली होली हैं, तो आप लोगो तो खुश होना चाहिए ना, सम्राट पाखी को अपने पास लाता है और कहता है हैप्पी होली, तभी अचानक धुँआ धुँआ हो जाता हैं घर में, पाखी कहती हैं धुँआ कैसे आ रहा हैं, सब लोग बहार की तरफ जाते हैं, भवानी काकू भी देखती हैं तो चौक जाती हैं की सई अपना अलग से चुला बना लेती हैं और उससे सुलगा रही होती हैं.
भवानी काकू कहती हैं, यह क्या तमाशा लगा रखा हैं ? तू लड़की, सई कहती हैं तमाशा यह कोई तमाशा नहीं हैं, शायद आपकी यादाश कमजोर हो गई हैं, अरे भई आपने तो कहा था की अपना अलग अलग चुला बनाओ अपना खाना अलग रखो तो आग ही तो सुलगा रही थी और तो और मैंने राशन भी अलग मंगवाया हैं, यह देखे भाई आ गए हैं, हमारा राशन लेकर थैंक यू भैया, यह मैंने राशन इसलिए अलग मंगवाया क्यूंकि मेरी जो बड़ी सास हैं वो नहीं चाहती की मैं उनके राशन में अपना खाना बनाऊ इसलिए हमारा चुला अलग हो गया हैं, जैसे ही सई राशन रखती हैं सई कहती हैं अरे मैं बर्तन तो लाई नहीं सई किचन में जाती हैं और कहती हैं काकू मुझे ऐसे मत घूरे यह बर्तन मैं ले जा रही हूँ.
काकू कहती हैं, तेरी हिम्मत कैसे हुई मैं तुझे किचन से कुछ नहीं ले जाने दूंगी, सई कहती हैं लेकिन इस बर्तन पे तो मेरा हक हैं, आप खुद देखिए परात पे नाम लिखा हैं कमल जोशी यानी मेरे आभा का नाम उषा मौसी आई थी ना शादी के बाद वो यह बर्तन लेके आई थी तो उस लिहाज़ से तो यह बर्तन मेरे हुए नाम भी मेरे बाबा का लिखा हैं. इसलिए मैं इनको ले जा रही हु उधर पाखी और करिश्मा मिलकर पानी के पाइप से सई के चूले को भुजा देती हैं, पाखी बहुत खुश होती हैं और कहती है अब उस लड़की को पता चलेगा की उसने किस्से टक्कर ली हैं, पूरा चुला भुज जाता हैं सई आती हैं देखती है तो हैरान रह जाती हैं, सई कहती हैं पाखी दीदी आपको क्या लगा मैं ऐसे ही हार मान लुंगी, आप ना जाए यहाँ से क्यूंकि मैं दोबारा चुला जलौंगी फिर धुँआ उठेगा फिर आपकी आँखों से आँसू निकलेंगे और मैं यह देख नहीं सकती, अश्वनी काकू कहती हैं बस करो तुम लोग कितना चे चे चे कर रहे हो एक तो मेरा बेटा निचे आने को तैयार नहीं हैं मैंने उससे जिद की तो कह रहा हैं घर छोड़ के चला जाऊंगा, होली वाले दिन मेरी आँख से आँसू नहीं रुक रहे और तुम लोग, सई कहती हैं मुझे माफ कर दीजिएगा आई मुझे पता ही नहीं था की विराट सर निचे आने को तैयार नहीं हो रहे हैं आप एक बार मेरी बात सुनिए.
तभी बाबा कहते हैं, सई जहा खड़ी हो वही के वही रुक जाओ क्यूंकि मैं नहीं चाहता की तुम अश्वनी के आस पास भी दिखाई दो और तुम कौन होती हो अश्वनी को समझाने वाली मेरा और अश्वनी का सिर्फ एक ही बेटा हैं और वो हैं विराट ना तुम मुझे बाबा बोलोगी ना अश्वनी को आई चलो अश्वनी यहाँ से हम चलते हैं, सब लोग वहा से चले जाते हैं सई को बहुत बुरा लगता हैं लेकिन सई कहती हैं कोई बात नहीं मैं फिर भी हिम्मत नहीं हारूंगी आज आई बाबा मुझसे नाराज़ हैं पर मैं जानती हु की मन ही मन वो मुझे बेटी ही मानते हैं, रहा सवाल विराट सर का तो उन्हें तो मैं निचे लाके ही रहूंगी.
Precap : सई कहती है आपका भाई इस घर का बेटा वह उप्पर अपने कमरे में रूठ कर बैठा है और आप यहाँ होली खेलेंगे कैसा लगेगा. फिर आई गुस्से में सई से कहती है तो तुम क्या समझती हो कि हम नहीं चाहते. किसलिये गयी थी मैं उसके कमरे में. तभी पाखी सई को कहती है हमसब को विराट की परवाह है यहाँ कोई खेल नहीं चल रहा है. सई कहती है हां लेकिन मैं तो जीतूँगी. विराट सर का दिल. मैं उनके चेहरे में मुस्कराहत लाऊँगी.