Ghum Hai KisiKey Pyaar Meiin - 29th August, 2022 Written Update (हिंदी में) | Gum Hai Kisi Ke Pyar Mein - 29th August 2022 Written Update
आज के एपिसोड में आप देखेंगे की, विराट, अश्विनी आई से कहता है, मैंने यह मांगा है की वीनू जल्द से जल्द ठीक हो जाए, ताकि वह अपने स्कूल की रेस में हिस्सा ले सकें, वीनू का सपना है कि वह स्कूल की रेस में दौड़े, और मेरा यह सपना है कि मैं उसका हर सपना पूरा करु, तभी अश्विनी आई कहती है, गोडू जिस तरह तुम उससे प्यार करते हो ना, और जिस तरह पत्रलेखा उसका ख्याल रख रही है, उससे तो मुझे पूरा विश्वास है कि, अपना वीनू बहुत जल्द ठीक हो जाएगा, वह भी बाकी लोगों की तरह, बाकी बच्चों की तरह, दौड़ने लगेगा, चलने लगेगा, भागने लगेगा। लेकिन गोडू मैं तुमसे पूछ रही हूं कि, तुमने अपने लिए क्या मांगा? तभी विराट कहता है, अपने लिए? एक बात बताइए? क्या आप और बाबा ने अपने लिए कुछ मांगा है? नहीं ना, हमेशा बस सिर्फ मेरी खुशी के बारे में सोचा है, है कि नहीं? तो फिर मैं वीनू के अलावा किसी और चीज के बारे में सोच भी कैसे सकता हूं?
फिर अश्विनी आई कहती है, मैंने और तुम्हारे बाबा ने कभी भगवान् से कुछ नहीं मांगा, क्योंकि जिस दिन तू पैदा हुआ ना, उस दिन हमारी सारी खुशियां हमें मिल गई, तुम ही तो हमारी जिंदगी हो ना गोडू, हमारा तुम्हारे सिवा और कौन है? लेकिन बेटा तुम्हारे सामने पूरी जिंदगी पड़ी हुई है, तुम अभी जवान हो। खुद के बारे में भी थोड़ा सोचो, तभी विराट कहता है, क्या सोचूं? मुझे वीनू के अलावा कुछ सूझता ही नहीं, मैं इनसे अपने बारे में कुछ मांगू तो क्या मांगू? आई मेरी खुद की अपनी कोई जरूरते नहीं है। उधर सई के घर में सई उषा मौसी से कहती है, मेरी खुद की कोई जरूरते नहीं है मौसी? मैं बस चाहती हूं कि मेरी सवी अच्छे से पढ़ लिख जाए, आत्मनिर्भर बनें, मैं चाहती हूं,की मेरी सवी अंदर से इतनी मजबूत हो की उसे कभी किसी के सहारे की, कोई जरूरत ना पड़े।वो जहां पर भी जाए ,जो कुछ भी करें, अपने दम पर करें। तभी उषा मौसी कहती है, सई आत्मनिर्भर बनने का यह मतलब नहीं होता है की जिंदगी में हमें अकेला ही रहना है? हम जिंदगी में सब कुछ पा लेते है, लेकिन हर इंसान को एक साथी की,एक प्यार की हमेशा जरूरत रहती है। उधर चव्हाण निवास में, अश्विनी आई, विराट से कहती है, देखो गोडू मुझे साफ साफ नजर आ रहा है कि, तुम ना अपने आप को, दर्द के दलदल में ऐसे फंसाते जा रहे हो, फसाते जा रहे हो, सई को जाकर बहुत साल बीत चुके हैं बेटा, और पत्रलेखा तुम्हारे साथ शादी होके भी बहुत वक्त बीत चुका है, फिर भी तुम सई को भुला नहीं पाए?
तभी विराट कहता हैं, मानता हूं कि सई को गए हुए बहुत साल बीत गए हैं। लेकिन आई, मेरे मन में अभी भी सई की जो यादे है, फिर तभी अश्विनी आई, विराट
को बीच में टोकते हुए कहती है, क्या यादें? कौन सी यादों की बात कर रहे हो तुम गोडू? विराट तुम्हें अपने आप को समझाना होगा कि, सई तुम्हारी जिंदगी से बहुत दूर जा चुकी हैं। उधर सई उषा मौसी से कहती है, विराट मेरी जिंदगी से हमेशा के लिए जा चुके हैं मौसी, विराट और मेरे रिश्ते ने उस हादसे से पहले ही दम तोड़ दिया था, और उसके साथ साथ वो रिश्ता भी मर गया, जो सवी और उसके बाबा का, या सवी का और उस परिवार का होता, विराट का मेरी बच्ची पर कोई हक नहीं है, अपनी बेटी बुलाने का भी हक नहीं है, और मुझे इस बारे में कोई बात नहीं करनी।
दूसरी तरफ अश्विनी आई, विराट आए कहती है, अब सई की यादों का तुम्हारी जिंदगी में कोई मतलब नहीं, उसकी कोई जगह नहीं है, और ना ही सई कि तुम्हारे दिल में कोई जगह होनी चाहिए, बिल्कुल भी नहीं, जिस दिन वो हमारे पोते को लेकर इस घर को छोड़कर चली गई ना, वो दिन ना हम सबके लिए बहुत बुरा दिन था, और मैं जानती हूं, इसका असर तुम पर भी कितना पडा होगा, लेकिन इस बात को बहुत अरसा गुजर चुका है, इसलिए मैं चाहती हूं कि, यह सारे अतीत के को पन्ने है ना, यह सारे फाड़ के फेंक दो तुम्हारी जिंदगी से, बहुत नफरत करती हूं मैं सई से, उसके मरने के बाद भी बहुत नफरत करती हूं मैं उससे। तभी विराट कहता है, आई अगर, अगर मैं उसे रोक लेता उस दिन, सई मेरी जिंदगी से कभी जाती ही नहीं, हमेशा के लिए।
दूसरी तरफ सवी किसी औरत को प्रसाद देते हुए कहती है, बप्पा को कहना मेरे बाबा को मेरे पास जल्दी भेज दे, फिर ये देखकर सई इमोशनल हो जाती है, तभी उषा मासी, सई से कहती है, देखा तुमने, कैसे उन पेड़ों से सवाल करती है? लोगों से विनती करती है, पता नहीं उन पेड़ों पर जवाब लिखकर, सवी का किसी ने भद्दा मजाक बना दिया है, लेकिन उसकी वजह से उसकी उम्मीदें और बढ़ गई है। फिर सई कहती है, लेकिन मैं सवी को उसके बाबा के बारे में नहीं बता सकती, और मैं कभी भी सवी को उसके बाबा के बारे में नहीं बताऊंगी, अगर विराट ने उस दिन हमारे रिश्ते का मजाक नहीं बनाया होता ना, तो आज मेरा मेरा वीनू जिंदा होता मौसी, उधर विराट अपनी आई से कहता है, आई मैंने ही सई को नहीं रोका है, अगर रोक लेता तो वीनू, विनायक अभी भी इस दुनिया में होता आज हम सबको ऐसे छोड़कर चला नहीं जाता, तभी अश्विनी आई कहती है, देखो ऐसा नहीं कहते बेटा, देखो तुम्हारे साथ विनायक है, पत्रलेखा है, जो अब तुम्हारी बीवी है, उसके बारे में सोचो थोड़ा, कितना दुख होता होगा उसे?
फिर विराट कहता हैं, जानता हूं, इस बात से पत्रलेखा को बहुत तकलीफ होती है, मैं उसकी बहुत इज्जत करता हूं आई, सई के जाने के बाद उसने पूरे परिवार को, वीनू को जिस तरह से संभाला है, उसका एहसान मैं कभी नहीं उतार पाऊंगा, मुझे जीने की वजह दी है उसने, तभी अश्विनी आई कहती है, सई तुम्हारी जिंदगी से चली गई है गोडू, अब उसकी तुम्हारी जिंदगी में कोई जगह नहीं है, तुमने देखा है ना गोडू, सई मेरी सबसे चहेती बहू थी, तब मैं पत्रलेखा से कितनी नफरत करती थी, लेकिन मैंने खुद पत्रलेखा को बदलते हुए देखा है, मैं उसकी बहुत बहुत एहसानमंद हूं, जो उसने हमें वीनू दिया, सब का ख्याल रखा, अपने बच्चे को जान से भी ज्यादा प्यार करने वाली मां है वह, अपने पति का ख्याल रखने वाली पत्नी है वह, मैं सच कह रही हूं, मैं अब उसे दिल से चाहने लगी हूं, कितना कुछ कर रही है,हमारे लिए, मेरी नजर में वह एक आदर्श बहू है, लेकिन तुम्हारी नजर से अभी भी सई की छवि उतरी नहीं है, तुम जानते हो?
पत्रलेखा यह सब जानती है, उसे एहसास है, लेकिन वह किसी को बताती नहीं है, लेकिन मैंने देखा है, उसकी आंखों में एक खालीपन सा है, बेटा, तभी विराट कहता है, क्या कर सकता हूं मै आई? उस दिन जब मैंने सई का नाम मरे हुए लोगों की लिस्ट में देखा था, मेरा तो दिल ही टूट कर बिखर गया था, मन कर रहा था कि, खुद को भी उस शमशान में जला दूं, जिसमें सई को बेनामी लाशों के साथ जला दिया गया था, उसको अलविदा भी नहीं बोल पाया मैं आई, उसके अंतिम संस्कार में भी हम मौजूद नहीं थे, आई मैं जब यहां से निकला था ना, घर से निकला था तो, मुझे सच में लग रहा था कि मैं सई को ढूंढ लूंगा, कैसे भी करके मैं सई को ढूंढ लूंगा, लेकिन कहा था उसने, मैं कभी इस घर में वापिस नहीं आऊंगी और देखो चली गई ऐसी जगह पर, जहां से कभी वह लौटकर वापस नहीं आ सकती,
फिर ये सुनकर अश्विनी आई रोने लगती है। इधर सई, उषा मौसी को कहती है, मुझे ढूंढने नहीं आ सकते थे? मैंने उनसे कितनी बार कहा था कि, अगर पाखी दीदी घर में वापस आई तो मैं घर छोड़ कर चली जाऊंगी, लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी मौसी, तभी उषा मौसी कहती है, सई उस वक़्त तुम दोनों गुस्से में थे बेटा, कभी कभी इंसान गुस्से में ऐसे कुछ कदम उठा लेता है, इसका पछतावा उसे बाद में जाकर होता है, शायद जिंदगी भर होता है, दामाद जी को उनकी गलती का एहसास हुआ होगा, पछतावा होगा? उधर विराट कहता है, ऐसा एक दिन नहीं बीतता आई, जब मुझे मेरे लिए का पछतावा नहीं होता, अब तो मेरे शरीर से मेरी आत्मा चली जा सकती है, लेकिन सई की यादें कभी नहीं जा सकती, उस हादसे का जिम्मेदार मैं खुद को मानता हूं आई। दूसरी तरफ सई कहती है, पछतावा, कहां है पछतावा? अगर उन्हें पछतावा होता? तो मुझे ढूंढने जरूर आते, मैं घर छोड़ कर क्या गई? वह मुझसे इतना नाराज हो गए कि कभी ढूंढने कभी नहीं आये, और आप चाहती है कि मैं विराट के बारे में सवी को बता दूं? फिर तभी येसब सवी यह सुन लेती है, और कहती है विराट, विराट कौन है आई?
उधर अश्विनी आई कहती है, सई के एक्सीडेंट का जिम्मेदार तुम खुद को मत मानो बेटा, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है, सई ने अगर उस दिन जिद ना पकड़ी होती, वो यह घर छोड़कर नहीं जाती, तो आज हम सब साथ होते, हमारा विनायक हमारे साथ होता, कितनी मुश्किलों का सामना करने के बाद हमारे घर का चिराग इस दुनिया में आया था, याद है ना? लेकिन उसी की मां की ज़िद की वजह से वह भी इस दुनिया से चला गया, तुम अपने आपको इसके लिए जिम्मेदार मत समझो, इसमें तुम्हारी गलती नहीं है, शायद बप्पा की यही मर्जी थी। फिर तभी येसब विनायक सुन लेता है, और पूछता है, बप्पा की क्या मर्जी थी आजी? इधर सवी भी आकर सई से पूछती है, आई विराट कौन है? बोलो ना आई विराट कौन है? फिर सई कुछ बोल नहीं पाती है। इधर विराट, विनायक को गोद में उठा लेता है, और कहता है कि यही की हमारा प्यारा सा वीनू बाबा की जिंदगी में जल्दी से आ जाए, तभी विनायक कहता है, लेकिन मैं तो आपकी लाइफ में कबसे हूं। फिर विराट कहता है हां, तुम्हारे होने से मेरी जिंदगी का हर एक पल और हर 1 दिन बहुत स्पेशल लगता है, तभी पाखी वहां आ जाती है, और कहती है और अपनी मम्मा की जिंदगी में भी वीनू ढेर सारी खुशियां लेकर आया है, है ना, इधर सवी लगातार सई से पूछती है, बोलो ना आई, विराट कौन है?
लेकिन सई कुछ बोलती नहीं है, तभी उषा मौसी, सवी से कहती है, तुझे जानना है ना, विराट कौन है? विराट का मतलब पता है तुम्हें? फिर सवी कहती है नहीं, तभी उषा मौसी कहती है, तभी तो हम दोनों ना, हम और तुम्हारी आई श्लोक पढ़ रहे थे गणपति बप्पा का, तुझे वह श्लोक पता है? वक्रतुंड, फिर सवी वह श्लोक पूरा करती है, और फिर उषा मौसी कहती है, इस श्लोक का मतलब पता है तुझे? तभी सवी कहती है नहीं।फिर मौसी फिर कहती है, काया मतलब शरीर और महा काया मतलब बड़ा शरीर, विराट शरीर, तभी सवी कहती है अच्छा। दूसरी तरफ विराट जल्दी से गोद में विनायक को कमरे में ले कर आता है, क्युकी विनायक को पैर में बहुत दर्द हो रहा होता है, और फिर विराट उसे बेड पर लिटा देते हैं, तभी विनायक दर्द से तड़प उठता है। फिर पाखी भी विनायक से कहती है, बेटा मैं अभी तुम्हें दवाई दे देती हूं, दर्द कम हो जाएगा, और भागकर दवाई लेने जाती है। तभी विराट, विनायक से कहता है, बस मम्मा दवाई लेकर आ गई है, स्ट्रांग है मेरा बेटा, भी कुछ नहीं होगा, फिर वीनू कहता है, मुझे दवाई नहीं चाहिए, बाबा मेरा बैग? तभी विराट कहता है, बैग तो इधर ही होगा, लेकिन तुम्हें बैग क्यों चाहिए?
फिर विनायक कहता हैं, उसमें लेप है, आप वो लेप मेरे पैरों के लगा दो, मेरे पैर का दर्द बिल्कुल ठीक हो जाएगा। तभी पाखी विनायक से पूछती है, कौन सा लेप बेटा? फिर विराट कहता है, तुम्हारा बैग बाहर पड़ा है, फिर तभी पाखी जल्दी से वीनू का बैग लेने चली जाती है, और तभी पाखी बाहर जाकर देखती है की बैग के पास सई और सवी की फोटो है, और तभी पाखी फोटो को देखकर हैरान हो जाती है।
प्रीकैप : विनायक, विराट से कहता है, डॉक्टर आंटी बहुत अच्छी है, और वह सवी, वह भी बहुत अच्छी है, उसने मुझे गंदे बच्चे से भी बचाया था। दूसरी तरफ सवी अपने घर में खेल रहे होती है, तभी एमएलए वहां पर आता है, और आके सई के बारे में पूछता है, फिर तभी वहा पर सई आती है, और एमएलए से कहती है, मैं तो यहां हूं, तुम यहां पर क्या कर रहे हो?
दूसरी तरफ विनायक के फोन पर अननोन नंबर से कॉल आता है, और फिर विराट, विनायक से पूछता है, वीनू इतनी रात गए तुम्हें कौन कॉल कर रहा है? तभी वीनू खुश होकर कहता है बाबा, सवी का कॉल है, और फिर पाखी यह ये सुनकर हैरान हो जाती है।